Monday 22 December 2014

Facets of Adi - Mere Panne - करुण वंदना

 करुण वंदना 


माँ! ये सब चाचू के जैसे ही तो हैँ,
फिर क्यूँ हमें घेरे हैं, धमकाए हैं,
तुम तो कहती थी इनके तरह बनना है,
मगर ये तो अब्दुल्लाह पर भी गोलियां बरसाए हैं ,
माँ ये सब चाचू के जैसे ही तो हैँ,
फिर क्यूँ हमें घेरे हैं धमकाए हैं,

..................

For More click.....  http://facetsofadihindi.blogspot.in/2014/12/blog-post_20.html




No comments:

Post a Comment